यति की वास्तविकता पर कई शोध हुए हैं, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले। 1986 में एक श्रमिक की रहस्यमय मौत और 2019 में भारतीय सेना द्वारा यति के पदचिह्नों का दावा चर्चा का विषय बने। हालाँकि, अधिकांश शोध बताते हैं कि यति वास्तव में हिमालयन भालू का भ्रम है।