राजकुमारी रोहिणी ने अपने भाई राजा विक्रमादित्य के खिलाफ सत्ता की लालसा में षड्यंत्र रचा। उन्होंने महल के भीतर राजनीतिक चालें चलीं और पड़ोसी राज्य से गठबंधन किया। अंततः, विक्रमादित्य ने रोहिणी को हराया, लेकिन उनके बीच की लड़ाई ने अमरगढ़ के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाला।