राजू, एक गरीब अनाथ, मेहनत और हिम्मत से अपने जीवन में बदलाव लाता है। वह श्यामलाल जमींदार की मदद करता है, जो अपनी जमीन को चचेरे भाइयों से हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। राजू की बुद्धिमानी से न केवल श्यामलाल को न्याय मिलता है, बल्कि वह खुद भी जमीन का मालिक बन जाता है।